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2 min read | अपडेटेड April 12, 2025, 16:07 IST
सारांश
रिपोर्ट कहती है कि छोटे और मीडियम वैल्यू वाले ट्रांजैक्शन पर यूपीआई हावी है, जबकि क्रेडिट कार्ड और ईएमआई (समान मासिक किस्त) का उपयोग बड़ी खरीदारी के लिए तेजी से किया जा रहा है।
डिजिटल पेमेंट्स के मामले में लोगों का भरोसा बढ़ा है क्रेडिट कार्ड्स और ईएमआई ऑप्शन्स पर
साल 2024 में सभी घरेलू डिजिटल पेमेंट्स ट्रांजैक्शन में से करीब एक-तिहाई ट्रांजैक्शन क्रेडिट कार्ड या इंटरेस्ट वाली मासिक किस्तों के जरिए किए गए थे। एक रिपोर्ट में यह आंकड़ा दिया गया है। डिजिटल पेमेंट सेक्टर की कंपनी Phi Commerce की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल भुगतान में यूपीआई एक ट्रांसफॉर्मेटिव प्रोडक्ट बनकर उभरा है और कुल ट्रांजैक्शन में इसकी हिस्सेदारी 65% हो चुकी है। रिपोर्ट कहती है कि छोटे और मीडियम वैल्यू वाले ट्रांजैक्शन पर यूपीआई हावी है, जबकि क्रेडिट कार्ड और ईएमआई (समान मासिक किस्त) का उपयोग बड़ी खरीदारी के लिए तेजी से किया जा रहा है।
इसके अलावा एजुकेशन, मेडिकल सर्विस और वीकल सपोर्ट सेक्टर में डिजिटल लोन लेने की दर में मजबूत वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारी खरीदारी, स्कूल में दाखिले और मौसमी रुझान क्रेडिट के इस्तेमाल में तेजी लाते हैं। इससे पता चलता है कि उपभोक्ता अधिक खर्च वाले समय में शॉर्ट-टर्म लोन सुविधा का सहारा लेना पसंद करते हैं। यह रिपोर्ट देश भर के 20,000 से अधिक दुकानदारों से ऑनलाइन भुगतान के बारे में जुटाए गए आंकड़ों के एनालिसिस पर आधारित है।
Phi Commerce के को-फाउंडर राजेश लोंढे ने कहा कि यूपीआई और फ्लेग्जिबल लोन ऑप्शन्स का इस्तेमाल आम होते जाने के साथ भविष्य उन लोगों का है जो ओवरऑल डेवलपमेंट और फाइनेंशियल मजबूती को बढ़ावा देने के लिए इन साधनों का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करते हैं। मौजूदा समय में यूजर एकसाथ पेमेंट करने के बजाय अपने खर्च को फाइनेंस कराना पसंद करते हैं। यह खासकर एजुकेशन (10%), (मेडिकल सर्विस 15%) और वीकल सपोर्ट खर्च (15%) में साफ है, जहां बड़ी खरीदारी तेजी से ईएमआई और स्ट्रक्चर्ड क्रेडिट ऑप्शन्स के जरिए की जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल की फीस, इलाज पर खर्च और बड़ी ऑनलाइन खरीद के लिए ईएमआई स्कीम्स पर निर्भरता कस्टमर्स के फाइनेंशियल बिहेवियर में बदलाव को दर्शाती है।
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