बिजनेस न्यूज़
2 min read | अपडेटेड November 01, 2024, 13:38 IST
सारांश
जाने- माने इकॉनमिस्ट और PM नरेंद्र मोदी की इकॉनमिक काउंसिल के चेयरमैन Bibek Debroy का 69 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने आर्थिक बदलाव समेत रेलवे, सामाजिक असामनता और कई मुद्दों पर अहम योगदान दिया था।
नहीं रहे इकॉनमिस्ट बिबेक देबरॉय
मशहूर इकॉनमिस्ट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार काउंसिल के चेयरमैन बिबेक देबरॉय नहीं रहे। वह 69 वर्ष के थे। पद्मश्री देबरॉय नीति आयोग के सदस्य भी थे। उन्होंने आर्थिक बदलाव, रेलवे नीति से लेकर सामाजिक असामनता जैसे कई विषयों पर अहम प्रस्ताव दिए थे। उनका जाना देश के लिए एक बड़ी क्षति है।
देबरॉय के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताते हुए कहा कि रॉय ने कई आर्थिक बदलाव लाने में तो योगदान दिया, साथ ही इतिहास, संस्कृति, राजनीति जैसे कई क्षेत्रों पर अपने बहुमूल्य विचार भी सामने रखे।
देबरॉय वित्त मंत्रालय की 'इन्फ्रास्ट्रक्चर क्लासिफिकेशन ऐंड फाइनेंसिंग फ्रेमवर्क फॉर अमृत काल' एक्सपर्ट कमिटी के चेयरमैन भी थे। उन्होंने इकॉनमिक थिअरी, गेम थिअरी, आय और सामाजिक असामनता, गरीबी, कानून में बदलाव, रेलवे में बदलाव और इंडॉलजी में अहम योगदान दिया था।
रेलवे में प्राइवेट प्लेयर्स की एंट्री की देबरॉय ने वकालत की थी। इसके लिए उनका मानना था कि एक स्वतंत्र रेग्युलेटर भी होना चाहिए ताकि प्राइवेट व्यापारियों को बढ़ावा मिले। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि रेलवे की एक रेग्युलेटरी अथॉरिटी होनी चाहिए जो मंत्रालय से अलग हो और उसका अलग बजट भी हो। इसके साथ ही उन्होंने रेलवे के विकेंद्रीकरण की बात भी कही थी।
देश में असामनता पर दी अपनी रिपोर्ट में उन्होंने बताया था कि कैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, घरेलू हालात और लेबर मार्केट में असमानता पिछड़े लोगों को मल्टि-डायमेंशनल गरीबी में धकेलती है। उनकी भाषा पर गई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे बच्चों के जीवन की नींव रखने में भाषा का प्रमुख भाग होता है।
देबरॉय संसद टीवी पर 'इतिहास' नाम के शो को होस्ट भी करते थे। उन्होंने महाभारत, भागवत गीता, हरिवंश, वाल्मीकि रामायण और वेद- पुराणों को अंग्रेजी में भी ट्रांसलेट किया है। वह भारत के प्राचीन साहित्य को आज के युवाओं की भाषा में समझाने के लिए प्रयासरत थे।
लेखकों के बारे में
अगला लेख