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2 min read | अपडेटेड November 19, 2024, 17:07 IST
सारांश
2016 की पॉलिसी में यूजर्स के पास ये ऑप्शन था कि वे अपने डेटा को फेसबुक के साथ शेयर करना चाहते हैं, या नहीं। 2021 में आए अपडेट में सर्विस इस्तेमाल करते रहने के लिए नई पॉलिसी को मानना अनिवार्य कर दिया गया।
कंपनी का दावा, पारदर्शिता बढ़ाने को उठाए कदम
Competition Commission of India ने सोशल मीडिया कंपनी मेटा को बिजनस में गलत तरीके अपनाने का दोषी मानते हुए ₹213.14 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह फैसला साल 2021 में वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट के ऊपर दिया गया है। वहीं, मेटा का कहना है कि वह इस फैसले से सहमत नहीं है और आगे अपील करेगी।
CCI ने मेटा को निर्देश दिया है कि प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों से दूर रहे। मेटा और वॉट्सऐप से तय समय के अंदर प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों को ठीक करने के लिए ऐक्शन लेने को कहा गया है। CCI ने निर्देश दिया है कि वॉट्सऐप पर इकट्ठा किया गया डेटा 5 साल तक ऐडवर्टाइजिंग के लिए मेटा की दूसरी कंपनियों या कंपनी प्रॉडक्ट्स के साथ शेयर नहीं किया जाएगा।
कमीशन ने कहा है कि वॉट्सऐप पर इकट्ठा किया गया यूजर का डेटा मेटा की दूसरी कंपनियों या प्रॉडक्ट्स के साथ इस्तमाल करने को भारत में इसकी सेवा देने के लिए जरूरी कंडीशन नहीं बनाया जा सकता है। कमीशन का कहना है कि पेनल्टी इस बात पर है कि कैसे 2021 में वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी लगाई गई और यूजर डेटा कलेक्ट करके दूसरी मेटा कंपनियों के साथ शेयर किया गया।
इसके पहले साल 2016 की पॉलिसी में यूजर्स के पास ये ऑप्शन था कि वे अपने डेटा को फेसबुक के साथ शेयर करना चाहते हैं, या नहीं। 2021 में आए अपडेट में सर्विस इस्तेमाल करते रहने के लिए नई पॉलिसी को मानना अनिवार्य कर दिया गया। इसे कमीशन ने गलत तरीका बताया है और कहा है कि ऐसा करके मेटा ने अपनी पोजिशन का फायदा उठाया है।
वहीं, कंपनी ने दावा किया है कि नए अपडेट में लोगों की प्राइवेसी के साथ समझौता नहीं किया गया है और लोगों को विकल्प भी दिया गया है। एक बयान में कहा गया है कि अपडेट के आने से किसी अकाउंट को डिलीट नहीं किया गया। इसका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाने का है।
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