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  1. Wholesale Inflation: मार्च में थोक महंगाई में राहत, खाने-पीने की चीजों के घटे दाम

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Wholesale Inflation: मार्च में थोक महंगाई में राहत, खाने-पीने की चीजों के घटे दाम

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 15, 2025, 12:52 IST

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सारांश

Wholesale Inflation: होलसेल फूड इनफ्लेशन फरवरी में 5.94 फीसदी से घटकर पिछले महीने 4.66 फीसदी पर आ गया है। मार्च में प्राइमरी आर्टिकल्स की मुद्रास्फीति फरवरी के 2.81 फीसदी से घटकर 0.76 फीसदी हो गई। ये आंकड़े आज मंगलवार को सरकार ने जारी किए हैं।

Wholesale Inflation: मार्च महीने में थोक महंगाई दर घटकर 2.05 फीसदी पर आ गई।

Wholesale Inflation: मार्च महीने में थोक महंगाई दर घटकर 2.05 फीसदी पर आ गई।

Wholesale Inflation: मार्च महीने में महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर है। देश की थोक महंगाई दर में गिरावट आई है। मार्च महीने में यह घटकर 2.05 फीसदी पर आ गई, जबकि पिछले महीने यह 2.38 फीसदी थी। हालांकि, इसमें वार्षिक आधार पर वृद्धि हुई है। मार्च 2024 में यह 0.26 प्रतिशत थी। ये आंकड़े आज मंगलवार को सरकार ने जारी किए हैं। रॉयटर्स पोल में एक्सपर्ट्स ने थोक महंगाई दर 2.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।

इसके पहले फरवरी में थोक महंगाई दर दो महीने के उच्चतम स्तर 2.38 फीसदी पर पहुंच गई थी। थोक महंगाई दर की घोषणा होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) के आधार पर होती है।

खाने-पीने की चीजें हुई सस्ती

थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी के 3.38 फीसदी से घटकर मार्च में 1.57 फीसदी रह गई। सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट इसकी मुख्य वजह रही। हालांकि, विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 3.07 प्रतिशत हो गई, जबकि फरवरी में यह 2.86 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली में भी वृद्धि देखी गई और मार्च में यह 0.20 प्रतिशत रही।

इस बीच, देश भर में गर्मी को लेकर भारतीय मौसम विभाग की चेतावनियों ने मुद्रास्फीति के दबावों के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मार्च 2025 में मुद्रास्फीति सालाना आधार पर खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, खाद्य वस्तुओं, बिजली व कपड़ा विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ी।

भारत की खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 3.61% पर आ गई, जो जनवरी में 4.31% थी। सरकार आज शाम को मार्च की मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करने वाली है।

RBI का महंगाई को लेकर ये है अनुमान

RBI की MPC ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति के 4% रहने का अनुमान लगाया है, जबकि फरवरी की बैठक में 4.2% रहने का अनुमान लगाया गया था। वित्त वर्ष 26 की चार तिमाहियों के लिए, RBI MPC ने पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 3.6%, दूसरी तिमाही में 3.9%, तीसरी तिमाही में 3.8% और चौथी तिमाही में 4.4% रहने का अनुमान लगाया है।

इकोनॉमिक सर्वे में ये है अनुमान

जनवरी में जारी 2024-25 के लिए आर्थिक सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि वित्त वर्ष 2025 की अंतिम तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी आएगी। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि वैश्विक अनिश्चितताएं भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करती रहेंगी।

कमजोर होता रुपया, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव और घटता विदेशी निवेश जैसे फैक्टर्स प्रमुख मैक्रो इकोनॉमिक चुनौतियां बने हुए हैं।

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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