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4 min read | अपडेटेड December 12, 2025, 09:09 IST
सारांश
India-USA Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड वार्ता कहां तक पहुंची है? दोनों देशों के बीच कब तक ट्रेड डील हो सकती है, पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच किन मुद्दों पर चर्चा हुई, एक नजर डालते हैं हर एक डीटेल पर।

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड वार्ता कहां तक पहुुंची?
India-USA Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही ट्रेड डील हो सकती है। दोनों देशों के बीच गुरुवार को दो-दिवसीय ट्रेड वार्ता खत्म हो गई। इस दौरान दोनों पक्षों ने व्यापार से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार साझा किए, जिसमें परस्पर लाभकारी व्यापार समझौते के लिए जारी बातचीत भी शामिल थी। वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष मौजूदा उद्देश्यपूर्ण और सकारात्मक जुड़ाव को आगे भी जारी रखने पर सहमत हुए। बातचीत के लिए अमेरिका के उप व्यापार प्रतिनिध रिक स्विट्जर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल यहां आया था। इस यात्रा के दौरान स्विट्जर ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के साथ अन्य वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की। सूत्रों ने कहा, ‘यह यात्रा दोनों पक्षों के लिए भारत-अमेरिका व्यापार और आर्थिक संबंधों से जुड़े कई मामलों पर अच्छी बातचीत करने का मौका था। इसमें भारत-अमेरिका के लिए परस्पर लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत भी शामिल थी।’ यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और अमेरिका व्यापार समझौते के पहले हिस्से को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि अगर अमेरिका व्यापार समझौते से संबंधित भारतीय पेशकश से खुश है, तो उसे मुक्त व्यापार समझौते के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर देने चाहिए। गोयल ने भारत की तरफ से रखी गई पेशकश पर ट्रंप प्रशासन के विचारों का स्वागत किया। लेकिन उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से इंतजार किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर की कोई समयसीमा बताने से परहेज किया। वाणिज्य मंत्री अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि अमेरिका को व्यापार समझौते को लेकर भारत से ‘अब तक का सबसे अच्छा’ प्रस्ताव मिला है। गोयल ने कहा, ‘उनकी खुशी का बहुत स्वागत है। और, मेरा मानना है कि अगर वे बहुत खुश हैं, तो उन्हें बिना किसी देरी के इस पर हस्ताक्षर कर देना चाहिए।’ हालांकि, उन्होंने अमेरिका को भारत की तरफ से की गई पेशकश के बारे में बताने से मना कर दिया।
उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बातचीत के पांच दौर पूरे हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के ‘उप व्यापार प्रतिनिधि’ रिक स्विट्जर की भारत की यात्रा किसी नए वार्ता दौर का हिस्सा नहीं है, बल्कि ‘एक-दूसरे को बेहतर समझने’ का प्रयास है। स्विट्जर ने वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व वाले भारतीय दल के साथ दो दिन तक बातचीत की। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच भी गुरुवार को फोन पर बातचीत हुई, जिसमें व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। यह बातचीत ऐसे समय हुई है जब दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।
एफटीए पर हस्ताक्षर अगले साल मार्च में होने की संभावना जताने वाले मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन के बयान के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि वह इस टिप्पणी से अवगत नहीं हैं और समझौते के लिए कोई भी समय-सीमा तय करना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘कोई समझौता तभी होता है जब दोनों पक्षों को फायदा हो। समय-सीमा बनाकर वार्ता नहीं करनी चाहिए, इससे गलतियां होती हैं।’ अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ग्रीयर ने मंगलवार को अमेरिकी सीनेट की एक सुनवाई में कहा कि भारत में मक्का, सोयाबीन, गेहूं और कपास और मांस जैसे कुछ प्रोडक्ट्स को लेकर काफी प्रतिरोध है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक दिए गए प्रस्तावों में बहुत प्रगतिशील रुख दिखाया है। ग्रीयर ने कहा, ‘भारत ने हमारे सामने जिस तरह के प्रस्ताव रखे हैं, वे अमेरिका को अब तक मिले सबसे अच्छे प्रस्ताव हैं। मुझे लगता है कि यह एक सक्षम वैकल्पिक बाजार है।’
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