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4 min read | अपडेटेड May 07, 2025, 07:33 IST
सारांश
दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था भारत और छठी बड़ी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन ने तीन साल की बातचीत के बाद यह व्यापार समझौता पूरा कर लिया है। एफटीए लागू होने पर ब्रिटेन के बाजार में 99% भारतीय प्रोडक्ट्स पर टैरिफ जीरो हो जाएगा।
भारत, ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता पूरा
भारत और ब्रिटेन ने मंगलवार को एक ‘ऐतिहासिक’ व्यापार समझौता पूरा कर लिया जो चमड़े, जूते और कपड़ों जैसे श्रम-बहुल प्रोडक्ट्स के निर्यात पर टैरिफ हटा देगा, जबकि ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों का आयात सस्ता हो जाएगा। इस समझौते से साल 2030 तक दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार दोगुना होकर 120 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है। दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था भारत और छठी बड़ी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन ने तीन साल की बातचीत के बाद यह व्यापार समझौता पूरा कर लिया है।
एफटीए लागू होने पर ब्रिटेन के बाजार में 99% भारतीय प्रोडक्ट्स पर टैरिफ जीरो हो जाएगा, जबकि भारतीय श्रमिकों को ब्रिटेन की इमिग्रेशन सिस्टम में बदलाव के बगैर ही यात्रा करने की अनुमति होगी। इसके अलावा भारतीय कपड़े, फ्रोजन झींगे, आभूषण और रत्नों के निर्यात पर टैरिफ में कटौती की जाएगी। इसी तरह ब्रिटेन से व्हिस्की और जिन जैसी शराब किस्मों की इंपोर्ट ड्यूटी में भी कटौती की जाएगी।
दोनों पक्षों के कोटा के तहत वाहनों पर इंपोर्ट ड्यूटी 10% हो जाएगा, जिससे टाटा-जेएलआर जैसी वाहन कंपनियों को फायदा मिलेगा। ब्रिटेन में जीरो टैरिफ पर प्रवेश करने वाले भारतीय उत्पादों में खनिज, रसायन, रत्न एवं आभूषण, प्लास्टिक, रबड़, लकड़ी, कागज, कपड़े, कांच, सिरेमिक, यांत्रिक और बिजली मशीनरी, हथियार/गोला-बारूद, परिवहन/वाहन, फर्नीचर, खेल के सामान, पशु उत्पाद और प्रोसेस्ड फूड आइटम शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर से फोन पर बात होने के बाद इन समझौतों के संपन्न होने की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ‘ऐतिहासिक मील का पत्थर’ बताते हुए कहा, ‘भारत और ब्रिटेन ने दोहरे अंशदान समझौते के साथ एक महत्वाकांक्षी एवं पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को सफलतापूर्वक संपन्न किया है।’ उन्होंने कहा, ‘ये ऐतिहासिक समझौते हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेंगे और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, विकास, रोजगार सृजन एवं इनोवेशन को बढ़ावा देंगे।’ ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने भी इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह दोनों देशों में कामकाजी लोगों और व्यवसायों को बेहतर बनाएगा।
दोनों देशों ने एफटीए के साथ दोहरे अंशदान समझौते पर भी बातचीत पूरी कर ली है। इससे ब्रिटेन में सीमित अवधि के लिए काम करने वाले भारतीय पेशेवरों द्वारा सामाजिक सुरक्षा कोष में दोहरे अंशदान से बचने में मदद मिलेगी। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘अस्थायी रूप से ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं को दोहरे अंशदान समझौते के तहत तीन साल की अवधि के लिए ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा योगदान का भुगतान करने से छूट मिलने से भारतीय सेवा प्रदाताओं को महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ होगा।’ हालांकि, भारत एवं ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) पर बातचीत अभी भी जारी है। पहले, तीनों समझौतों को एक साथ पूरा करने की योजना थी।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन के साथ एफटीए एक आधुनिक, व्यापक और ऐतिहासिक समझौता है, जो व्यापार उदारीकरण और शुल्क रियायतों के साथ गहन आर्थिक एकीकरण भी हासिल करना चाहता है। मंत्रालय ने कहा कि भारत को लगभग 99% प्रोडक्ट कैटेगरी पर टैरिफ हटने से फायदा होगा, जो लगभग 100% व्यापार मूल्य को कवर करता है। सेवाओं के मोर्चे पर भी भारत को सूचना प्रौद्योगिकी एवं संबंधित सेवाओं, वित्त, पेशेवर और शैक्षणिक सेवा जैसे क्षेत्रों में लाभ होगा।
मंत्रालय ने कहा, ‘प्रतिभाशाली और कुशल भारतीय युवाओं के लिए ब्रिटेन में अपार अवसर खुलेंगे, जो अपने मजबूत वित्तीय एवं पेशेवर सेवा क्षेत्रों और उन्नत डिजिटल बुनियादी ढांचे के कारण डिजिटल सेवाओं के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र है।’ इसके अलावा, भारत ने वास्तुकला, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर से संबंधित और दूरसंचार सेवाओं जैसी डिजिटल रूप से वितरित सेवाओं पर महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताएं भी हासिल की हैं। मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए गैर-शुल्क बाधाओं को उचित रूप से संबोधित किया जाए और वे घरेलू निर्यात पर अनुचित प्रतिबंध न लगाएं।
यह सौदा अब कानूनी औपचारिकता की प्रक्रिया से गुजरेगा जिसे ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदित किया जाएगा और फिर इसे लागू किया जाएगा। इसे लागू होने में लगभग एक साल का समय लग सकता है। इस समझौते के लिए दोनों देशों के बीच जनवरी, 2022 में शुरू हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों ने कुल 14 दौर की वार्ता की। एफटीए के तहत दो देश अधिकतम प्रोडक्ट्स के व्यापार पर कस्टम ड्यूटी को या तो खत्म कर देते हैं या काफी कम कर देते हैं। इसके अलावा सेवाओं एवं द्विपक्षीय निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के मानदंडों को भी आसान बनाया जाता है। भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 21.34 अरब डॉलर रहा था। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीनों में वस्तुओं का व्यापार 21.33 अरब डॉलर रहा।
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