बिजनेस न्यूज़
3 min read | अपडेटेड May 13, 2025, 09:53 IST
सारांश
India-US Tariffs: भारत ने विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation, WTO) में प्रस्ताव रखा है कि अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम पर जवाबी टैरिफ लगना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताबड़तोड़ टैरिफ की चपेट में भारत भी आया है। वहीं, ट्रंप ने व्यापार का हवाला देकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को रोकने का दावा किया है।
भारत ने इसके पहले अमेरिकी टैरिफ पर WTO में मांगी थी सलाह।
WTO ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत भारत में उत्पादित स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों के अमेरिका में आयात पर 7.6 अरब अमरीकी डॉलर का असर पड़ेगा, जिस पर शुल्क संग्रह 1.91 अरब अमरीकी डॉलर होगा। बयान के अनुसार, भारत द्वारा रियायतों के प्रस्तावित निलंबन के परिणामस्वरूप अमेरिका में उत्पादित उत्पादों से समान शुल्क वसूला जाएगा।
इससे पहले भारत ने अप्रैल में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा ये शुल्क लगाने के फैसले के बाद WTO के सुरक्षा समझौते के तहत अमेरिका से परामर्श मांगा था। अमेरिका ने 8 मार्च, 2018 को कुछ स्टील उत्पादों पर 25% और एल्युमीनियम उत्पादों 10% मूल्यानुसार शुल्क लगाकर सुरक्षा उपाय लागू किए थे। यह 23 मार्च, 2018 को लागू हुआ था, जिसे जनवरी 2020 में बढ़ा दिया गया था।
इस साल सत्ता में लौटने के बाद ट्रंप ने 10 फरवरी को स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों के आयात पर सुरक्षा उपायों में फिर से संशोधन किया, जो 12 मार्च 2025 से प्रभावी हुआ और इसकी अवधि असीमित है। अमेरिका ने अब 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के साथ व्यापार में कटौती की धमकी देकर नई दिल्ली और इस्लामाबाद पर संघर्ष समाप्त करने का दबाव बनाया था। उन्होंने कहा, ‘हम आप लोगों के साथ बहुत सारा व्यापार करेंगे… अगर आप इसे रोकते हैं, तो हम व्यापार करेंगे। अगर आप इसे नहीं रोकते हैं, तो हम कोई व्यापार नहीं करने जा रहे हैं।’
ट्रंप ने कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि लोगों ने कभी भी व्यापार का उस तरह से उपयोग नहीं किया, जैसा मैंने किया। और अचानक उन्होंने (भारत और पाकिस्तान ने) कहा, ‘मुझे लगता है कि हम इसे रोकने जा रहे हैं।’ हालांकि, पीटीआई भाषा ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी, लेकिन बातचीत में व्यापार को लेकर कोई बात नहीं हुई थी।
संबंधित समाचार
लेखकों के बारे में
अगला लेख