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3 min read | अपडेटेड April 23, 2025, 09:34 IST
सारांश
IMF World Economic Outlook: International Monetary Fund ने FY26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.5% से घटाकर 6.2% कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए हुए टैरिफ का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर देखा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आर्थिक वृद्धि स्थिर रहेगी और इसे ग्रामीण क्षेत्रों में निजी खपत से समर्थन मिलेगा।
IMF के मुताबिक FY26 में भारत की आर्थिक वृद्धि स्थिर रहेगी जबकि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का असर है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान अपनी पहले की रिपोर्ट के मुकाबले कम कर दिया है। IMF का कहना है कि व्यापार तनाव और वैश्विक अनिश्चितता को देखते हुए वृद्धि दर (economic growth rate) के अनुमान को कम किया गया है।
IMF की हालिया रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.2% रहने का अनुमान जताया गया है जो पहले के 6.5% के अनुमान से कम है। IMF ने अपने वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक में कहा है कि भारत के लिए, 2025 में वृद्धि का आउटलुक अपेक्षाकृत ज्यादा स्थिर है और वृद्धि दर 6.2% रहेगी। वृद्धि को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में निजी खपत से समर्थन मिलेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2026-27 में 6.2% रहने का अनुमान है जबकि 2024-25 में यह 6.5% रही। वृद्धि दर का यह अनुमान जनवरी, 2025 के अनुमान की तुलना में 0.3% कम है और इसका कारण व्यापार तनाव और वैश्विक अनिश्चितता है।
IMF ने कहा, 2025 में वैश्विक वृद्धि 2.8% रहने का अनुमान है, जो पहले के अनुमान से 0.5% कम है। 2026 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3% रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बारे में कहा गया है कि वृद्धि दर 2025 में घटकर 1.4% और 2026 में 1.5% रहने का अनुमान है। वृद्धि का यह अनुमान 2025 के लिए जनवरी में जताये गये अनुमान की तुलना में 0.5% कम है। यह 2024 में 1.8% रही थी।
इस साल के अनुमान में कनाडा, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका की वृद्ध दर अनुमान को कम किया गया है जबकि स्पेन के अनुमान को बढ़ाया गया है।
अमेरिका के लिए, 2025 में वृद्धि दर घटकर 1.8% रहने का अनुमान है, जो 2024 से एक% कम है। साथ ही जनवरी, 2025 के अनुमान से 0.9% कम है।
IMF के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क और उनके कारण पैदा हुई अनिश्चितता के कारण अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं का परिदृश्य बिगड़ गया है। IMF को अमेरिका में मंदी की आशंका नहीं है, हालांकि इसने इस साल मंदी की आशंका 25% से बढ़ाकर 37% कर दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘खपत में अनुमान की तुलना में धीमी वृद्धि के बीच नीतिगत मोर्चे पर अनिश्चितता, व्यापार तनाव और मांग में नरमी के कारण वृद्धि का अनुमान कम किया गया है। शुल्क के कारण 2026 में भी वृद्धि पर भी असर पड़ने की आशंका है...।’
बीते वर्ष नरमी के बाद, उभरते और विकासशील एशिया में वृद्धि दर 2025 में कम होकर 4.5% और 2026 में 4.6% रहने का अनुमान है। उभरते और विकासशील एशिया, विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) के सदस्य देश अप्रैल में घोषित शुल्क से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
चीन के लिए, 2025 की GDP वृद्धि को घटाकर चार% कर दिया गया है कि जबकि जनवरी की रिपोर्ट में इसे 4.6% रहने का अनुमान लगाया गया था। यह हाल ही में लागू शुल्क के प्रभाव को दर्शाता है। इसके साथ 2026 के लिए भी वृद्धि के अनुमान को 4.5% से घटाकर 4.0% कर दिया गया है।
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