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2 min read | अपडेटेड April 23, 2025, 13:40 IST
सारांश
10 लाख रुपये से अधिक कीमत की कुछ वस्तुओं के विक्रेता को पेमेंट के समय खरीदने वाले से 1% टीसीएस जमा करने की जिम्मेदारी होगी। इस लिस्ट में कौन-कौन से सामान आते हैं, चलिए देखते हैं।
लग्जरी सामान हुए और भी महंगे, लगेगा एक्स्ट्रा टैक्स
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) यानी कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सोर्स पर टैक्स कलेक्शन (टीसीएस) के लिए 10 लाख रुपये से अधिक कीमत की लग्जरी सामानों और संग्रह करने वाले सामानों पर टैक्स के दायरे का विस्तार करने के लिए फॉर्म 27EQ में संशोधन किया है। 10 लाख रुपये से अधिक कीमत की कुछ वस्तुओं के विक्रेता को पेमेंट के समय खरीदने वाले से 1% टीसीएस जमा करने की जिम्मेदारी होगी।
एक अधिसूचना में, कर निकाय ने कहा, ‘इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 (1961 का 43) की धारा 206C के साथ धारा 295 द्वारा मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड आयकर नियम, 1962 में और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाता है... इन नियमों को इनकम-टैक्स (11वां संशोधन) नियम, 2025 कहा जा सकता है। यह अधिसूचना आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन की तिथि यानी मंगलवार, 22 अप्रैल को लागू होगी।’
2024 में एक बजट ज्ञापन में, सरकार ने कहा था, ‘यह देखा गया है कि हाई नेट वर्थ वाले लोगों द्वारा लग्जरी सामानों पर खर्च करने में तेजी हुई है। ऐसे खर्चों की उचित ट्रैकिंग के लिए और टैक्स के दायरे को व्यापक और गहरा करने के लिए, धारा 206C की उप-धारा (1F) में संशोधन करने का प्रस्ताव है, ताकि 10 लाख रुपये से अधिक कीमत के किसी भी अन्य सामान पर भी TCS लगाया जा सके, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचित किया जा सकता है। ऐसे सामान लग्जरी के सामान की प्रकृति के होंगे।’ हाल ही में किए गए इस विकास का उद्देश्य टैक्स बेस को व्यापक बनाना और इस तरह के बड़े खर्च को टैक्स के दायरे में लाना है।
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