return to news
  1. GST कलेक्शन में दिखी ताबड़तोड़ तेजी, सरकारी खजाने में मार्च में आए ₹1.96 लाख करोड़

बिजनेस न्यूज़

GST कलेक्शन में दिखी ताबड़तोड़ तेजी, सरकारी खजाने में मार्च में आए ₹1.96 लाख करोड़

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 01, 2025, 18:40 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

मार्च के महीने में जीएसटी कलेक्शन में बंपर तेजी देखने को मिली है और इस दौरान सरकारी खजाने में 1.96 लाख करोड़ रुपये आए हैं। यह अभी तक का दूसरा सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन है।

जीएसटी कलेक्शन

जीएसटी कलेक्शन में दिखी जबर्दस्त तेजी

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन मार्च में 9.9% बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है, जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन है। 1 अप्रैल को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। घरेलू लेनदेन से जीएसटी रेवेन्यू 8.8% बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात (इंपोर्ट) की गई वस्तुओं से रेवेन्यू 13.56% बढ़कर 46,919 करोड़ रुपये रहा। नेट कलेक्शन में 38,145 करोड़ रुपये का सेंट्रल जीएसटी कलेक्शन, 49,891 करोड़ रुपये का स्टेट जीएसटी कलेक्शन और 95,853 करोड़ रुपये का एकीकृत (इंटीग्रेटेड) जीएसटी कलेक्शन (आईजीएसटी) शामिल है।

मार्च के दौरान जीएसटी उपकर (Cess) कलेक्शन 12,253 करोड़ रुपये रहा। मार्च में कुल रिफंड 41% बढ़कर 19,615 करोड़ रुपये हो गया। रिफंड समायोजित करने के बाद, मार्च 2025 में नेट जीएसटी रेवेन्यू 1.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो सालाना आधार पर 7.3% की वृद्धि है। अप्रैल, 2024 में जीएसटी कलेक्शन 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाइ लेवल पर पहुंच गया था। डेलॉयट इंडिया के साझेदार एम एस मणि ने कहा कि मार्च के लिए नेट जीएसटी कलेक्शन में 9.9% की वृद्धि व्यवसायों द्वारा साल के अंत में बिक्री को बढ़ावा देने के प्रभाव को दर्शाती है।

उन्होंने कहा, ‘यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि यह कोई एकमात्र मामला नहीं है, क्योंकि जीएसटी कलेक्शन में हर महीने लगातार वृद्धि देखी गई है, जो एनुअल नेट जीएसटी कलेक्शन में 9.4% की वृद्धि से रिफ्लेक्ट होती है।’ अप्रैल-मार्च के दौरान नेट जीएसटी कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 9.4% की वृद्धि है। मणि ने कहा, ‘मुख्य मैनुफैक्चरिंग और उपभोक्ता राज्यों में जीएसटी कलेक्शन की वृद्धि दर में व्यापक भिन्नता बनी हुई है। महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों ने 10% से अधिक की वृद्धि दिखाई है। जबकि गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु जैसे अन्य राज्यों में 1% की गिरावट से लेकर 7% की सीमा में वृद्धि हुई है, जो मार्च महीने के लिए बहुत ही असामान्य है। इन राज्यों में क्षेत्रवार वृद्धि और अनुपालन दरों का मूल्यांकन करके इसके कारणों को समझने की आवश्यकता है।’

केपीएमजी इंडिया के पार्टनर एंड हेड (इनडायरेक्ट टैक्स) अभिषेक जैन ने कहा कि पिछले साल की तुलना में टैक्स कलेक्शन में लगभग 10% की वृद्धि आर्थिक स्थिरता और कंपनियों द्वारा मजबूत कर अनुपालन को दर्शाती है। जैन ने कहा, ‘वित्त वर्ष के अंत में समायोजन और समाधान की प्रक्रिया जारी रहने के साथ, हम अगले कलेक्शन में मासिक वृद्धि में और बढ़ोत्तरी की उम्मीद कर सकते हैं।’

(भाषा इनपुट के साथ)

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख