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2 min read | अपडेटेड April 08, 2025, 13:08 IST
सारांश
मौजूदा समय में लॉटरी, जुआ व सट्टा, चिट फंड, निधि कंपनी, रियल एस्टेट कारोबार और तंबाकू से बने सिगार, सिगारिलो व सिगरेट के मैनुफैक्टर जैसे कुछ सेक्टर्स में एफडीआई प्रतिबंधित है। एफडीआई महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत को अपने बुनियादी ढांचा सेक्टर में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आने वाले सालों में भारी इन्वेस्टमेंट की जरूरत होगी।
फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट
सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसे सेक्टर्स में काम कर रही कोई भी भारतीय कंपनी जहां फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) प्रतिबंधित है, अपने पहले से मौजूद फॉरेन शेयरहोल्डर्स को बोनस शेयर जारी कर सकती है, बशर्ते इससे शेयरहोल्डिंग में कोई बदलाव ना आए। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने कहा कि बोनस शेयर जारी करते समय लागू नियमों, कानूनों, रेगुलेशन्स और गाइडलाइन्स का पालन किया जाना चाहिए।
डीपीआईआईटी के स्पष्टीकरण (जिसे एफडीआई नीति में शामिल किया गया है) के मुताबिक, ‘एफडीआई (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) के लिए निषिद्ध क्षेत्र/गतिविधि में काम कर रहीं भारतीय कंपनी को अपने पहले से मौजूद फॉरेन शेयरहोल्डर्स को बोनस शेयर जारी करने की अनुमति है, बशर्ते कि बोनस शेयर जारी करने के बाद फॉरेन शेयरहोल्डर की शेयरहोल्डिंग ‘पैटर्न’ में कोई बदलाव न हो।’ इसमें कहा गया है कि यह स्पष्टीकरण एफडीआई के लिए प्रतिबंधित क्षेत्रों में काम कर रहीं भारतीय कंपनियों द्वारा मौजूदा फॉरेन शेयरहोल्डर्स को बोनस शेयर जारी करने की अनुमति के संबंध में है।
देश में अधिकतर सेक्टर्स में ऑटोमेटिक तरीके से डायरेक्ट फॉरेन इन्वेस्टमेंट की अनुमति है, जबकि दूरसंचार (टेलिकॉम), मीडिया, दवा और बीमा जैसे सेक्टर्स में फॉरेन इन्वेस्टर्स के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत पड़ती है। हालांकि कुछ संवेदनशील सेक्टर्स में फॉरेन इन्वेस्टमेंट पर बैन भी है। सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत फॉरेन इन्वेस्टर्स को संबंधित मंत्रालय या विभाग की पहले अनुमति लेनी होती है।
वहीं ऑटोमेटिक रूट के तहत फॉरेन इन्वेस्टर्स को इन्वेस्टमेंट करने के बाद केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सूचित करना होता है। मौजूदा समय में लॉटरी, जुआ व सट्टा, चिट फंड, निधि कंपनी, रियल एस्टेट कारोबार और तंबाकू से बने सिगार, सिगारिलो व सिगरेट के मैनुफैक्टर जैसे कुछ सेक्टर्स में एफडीआई प्रतिबंधित है। एफडीआई महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत को अपने बुनियादी ढांचा सेक्टर में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आने वाले सालों में भारी इन्वेस्टमेंट की जरूरत होगी।
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