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4 min read | अपडेटेड December 10, 2025, 09:32 IST
सारांश
Gold Price Today: सोने की कीमतों में 9 दिसंबर को हल्की तेजी देखने को मिली है। 24 कैरेट सोने का भाव 110 रुपये बढ़कर 1,29,930 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है। निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। भारत में सोने के दाम दुबई के मुकाबले अभी भी काफी ज्यादा हैं।

22 कैरेट और 24 कैरेट सोने में मामूली उछाल आया है।
इसके मुकाबले चांदी में आज अधिक तेज़ी दिखाई दी। सिल्वर 190,033 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई, जो 1.05% या 1,969 रुपये की तेजी को दर्शाती है। शुरुआती सेशन में चांदी 188,959 से 190,799 रुपये के बीच रही और आज ही इसने अपना लाइफटाइम हाई 190,799 रुपये छू लिया।
सोने की कीमतों में चल रही उठापटक के बीच कल बाजार में हल्की तेजी दर्ज की गई। पीली धातु के दाम एक बार फिर ऊपर की ओर चढ़ते दिखाई दिए। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 24 कैरेट सोने की कीमत में पिछले बंद भाव के मुकाबले 110 रुपये का इजाफा हुआ है। इस बढ़त के साथ 24 कैरेट सोने का भाव 1,29,930 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं, जेवर बनाने में इस्तेमाल होने वाले 22 कैरेट सोने की कीमत 1,19,103 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। बाजार में यह हलचल ऐसे समय में हो रही है जब पूरी दुनिया के निवेशक अमेरिका से आने वाले बड़े आर्थिक फैसलों का इंतजार कर रहे हैं।
अक्सर भारतीय पर्यटक दुबई से सोना खरीदना पसंद करते हैं और आंकड़ों को देखकर यह बात सही भी लगती है। भारत में सोने की कीमतें दुबई के मुकाबले काफी ज्यादा बनी हुई हैं। 9 दिसंबर के भाव की तुलना करें तो भारत में 24 कैरेट सोना 1,29,930 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि दुबई में यही सोना भारतीय मुद्रा में करीब 1,12,816 रुपये का है। इसका मतलब है कि भारत में सोना खरीदने पर आपको प्रति 10 ग्राम करीब 17,114 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं। यह अंतर लगभग 15.17 फीसदी का है। यही हाल 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने का भी है। भारत में लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी और अन्य टैक्स के कारण यह अंतर इतना बड़ा हो जाता है।
आज सोने की कीमतों में हो रहे बदलाव के पीछे सबसे बड़ा कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक है। निवेशक और बाजार के जानकार फेड की मौद्रिक नीति के ऐलान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सोने की भविष्य की दिशा पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करेगी कि फेड ब्याज दरों को लेकर क्या फैसला लेता है। हालांकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने अपने बयानों में थोड़ा सख्त रुख अपनाया है, जो आमतौर पर ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में नहीं होता। लेकिन राहत की बात यह है कि फेड के कई अन्य अधिकारियों ने हाल ही में नरम रुख दिखाया है और वे मौद्रिक नीति में ढील देने के पक्ष में हैं।
बाजार अभी यह मानकर चल रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में 0.25 फीसदी यानी एक चौथाई अंक की कटौती कर सकता है। इसी उम्मीद के चलते विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें थोड़ी और ऊपर जा सकती हैं। ब्याज दरों में कटौती सोने के लिए हमेशा अच्छी खबर होती है क्योंकि इससे डॉलर कमजोर होता है और सोने में निवेश बढ़ता है। इसके अलावा एक और बड़ा फैक्टर चीन है। चीन का केंद्रीय बैंक लगातार अपने सोने के भंडार को बढ़ा रहा है। चूंकि चीन दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, इसलिए वहां से आ रही मांग कीमतों को गिरने नहीं दे रही है। अमेरिका के आने वाले आर्थिक आंकड़े और फेड का अंतिम फैसला ही यह तय करेगा कि सोना नई ऊंचाइयों को छूएगा या नहीं।
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