तस्वीर: Shutterstock
देश की सबसे बड़ी कंपनी, रिलायंस इंडस्ट्रीज को धीरूभाई अंबानी ने खड़ा किया था और इन्फोसिस की स्थापना एनआर नारायणमूर्ति ने की थी, ये ज्यादातर लोगों को पता है।
तस्वीर: रिलायंस, इन्फोसिस वेबसाइट
लेकिन क्या आपको पता है कि धीरूभाई इसके पहले क्या करते थे? या नारायणमूर्ति के साथ इन्फोसिस को बनाने वाले 6 और लोग कौन थे?
तस्वीर: Shutterstock
चलिए आपको बताते हैं कहानी भारत की 6 दिग्गज कंपनियों के बनने की…
तस्वीर: Shutterstock
महज 17 साल की उम्र में यमन पहुंचे धीरूभाई अंबानी आजादी के 10 साल बाद भारत लौटे तो उनके पास तजुर्बा था एक ट्रेडिंग से लेकर बिजनेस ऑपरेशन्स तक का।
तस्वीर: https://www.ril.com/
धीरूभाई ने इस कमाई को मुंबई में सूत का व्यापार करने में लगाया और 1966 में नींव रखी रिलायंस कमर्शल कॉर्पोरेशन की। 1977 में IPO लाने वाली रिलायंस ने फिर मुड़कर नहीं देखा।
तस्वीर: https://www.ril.com/
18 साल की उम्र में अपना पहला वेंचर शुरू करने वाले सुनील मित्तल ने भारत में टेलिकॉम इंडस्ट्री की शक्ल बदलने के पहले साइकल पार्ट्स, जनरेटर्स का बिजनस किया।
तस्वीर: bharti.com
मित्तल ने ताइवान में एक ट्रेडिंग शो में पुश-बटन फोन देखा और ठान लिया कि भारत में भी वे इसे लेकर आएंगे। वे यहीं नहीं रुके और दिल्ली में लॉन्च कर दीं मोबाइल सर्विसेज।
तस्वीर: https://www.bharti.com/
आजादी के बाद भारत में व्यापार के विकास को वित्तीय रफ्तार देने के लक्ष्य से सरकार, उद्योग जगत ने वर्ल्ड बैंक के साथ मिलकर नींव रखी थी ICICI Bank की।
वीडियो: YT, ICICI Bank
ICICI के पहले चेयरमैन बने सर आरकॉट रामास्वामी मुदलियार, जो ब्रिटिश PM विंस्टन चर्चिल के वॉर कैबिनेट का हिस्सा और UN आर्थिक-सामाजिक परिषद के पहले अध्यक्ष भी थे।
वीडियो: Youtube, ICICI Bank
साल 1806 में रॉयल चार्टर ने नींव रखी बैंक ऑफ कलकत्ता की जो 1921 में मद्रास और बॉम्बे के साथ मिलकर बन गया इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया।
तस्वीर: Shutterstock
ये तीनों जॉइंट स्टॉक कंपनियां थीं जिनके पास 1861 तक पेपर करंसी जारी करने का अधिकार था। SBI Act 1955 से इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया बन गया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया।
तस्वीर: Instagram, history_of_modern_india
नारायणमूर्ति के मुताबिक इन्फोसिस ऑन्त्रप्रन्योरशिप का एक्सपेरिमेंट था जिसके लिए उनकी जेब में पैसे नहीं थे। तब उन्होंने पत्नी सुधा से मदद ली।
तस्वीर: Infosys
आखिरकार साल 1981 में नारायणमूर्ति ने नंदन नीलकेणि, एस गोपालकृष्णन, एसडी शिबुलाल, के दिनेश, एनएस राघवन और अशोक अरोड़ा के साथ मिलकर ₹10,000 में शुरू की इन्फोसिस।
तस्वीर: Instagram @mrssudhamurty
साल 1888 से ही भारत इंग्लैंड में बने साबुन जैसे उत्पादों का बाजार हो गया था। लीवर ब्रदर्स इसे निर्यात करते थे और 1918 में वनस्पति को लॉन्च किया गया।
तस्वीर: HUL
साल 1931 में यूनीलीवर ने पहली भारतीय सब्सिडियरी हिंदुस्तान वनस्पति मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को खड़ा किया जो दो और इकाइयों के साथ 1956 में मिलकर बन गई हिंदुस्तान यूनीलीवर।
तस्वीर: HUL
अगली स्टोरी देखें-